परिचय

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बालिकाओं की उच्च शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 1990 में इस राजकीय महिला महाविद्यालय की स्थापना की गयी। डॉ0 बी0 आर0 आम्बेडकर राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, फतेहपुर की स्थापना उच्च शिक्षा की समुन्नत संभावनाओं के सापेक्ष तत्कालीन प्रधानमंत्री माननीय विश्वनाथ प्रताप सिंह के उज्ज्वल एवं सार्थक संकल्पना का प्रतिफल है | उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े अंचल की जनाकांक्षाओ  का मूर्त रूप होने का गौरव इस महाविद्यालय को प्राप्त है |

पूर्व में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर से एवं वर्तमान में प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय नैनी, प्रयागराज से संबद्ध इस महाविद्यालय का संचालन राज्य सरकार द्वारा समय- समय पर निर्गत नियमों, परिनियमों के अक्षरशः अनुपालन के द्वारा होता है। इसी कारण यह महाविद्यालय क्षेत्र की महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा को सर्वसुलभ बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ है। उत्तर प्रदेश शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुक्रम में उच्च शिक्षा को राष्ट्रीय- अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने हेतु वर्तमान सत्र में सभी छात्राओं के लिए महाविद्यालय परिवार भारतीय संविधान के नीति-निदेशक तत्वों के अनुसार छात्राओं के बौद्धिक स्तर के उत्तरोत्तर उन्नयन में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

पूरब में पावन त्रिवेणी के तट पर अवस्थित भारत की सांस्कृतिक राजधानी प्रयागराज, पश्चिम में प्रदेश की औद्योगिक नगरी का केंद्र बिन्दु कानपुर। इन दो महानगरों के मध्य स्थित गंगा-यमुना का दोआबा क्षेत्र में अवस्थित कस्बाई नगर फतेहपुर है | उत्तर प्रदेश में गंगा नदी, रायबरेली और उन्नाव

जिले की सीमा-वैसवारा संस्कृति और दक्षिण में यमुना नदी, बांदा जिले की सीमा-बिन्ध्य पर्वत की श्रृंखलाओं की पाठा संस्कृति के बीच में स्थित फतेहपुर : ग्रामीण परिवेश का नगर है| यह महाविद्यालय नगर के मध्य सिविल लाइन में रेलवे स्टेशन से लगभग दो किलोमीटर दूर अवस्थित है |

संस्था की स्थापना सत्र 1990-91 में कला संकाय के अंतर्गत स्नातक स्तर पर हिन्दी साहित्य, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, समाज शास्त्र, राजनीति विज्ञान, गृह विज्ञान एवं संगीत के तीन विषयों : संगीत गायन, संगीत वादन (सितार) तथा संगीत वादन (तबला) की कक्षाएँ प्रारम्भ हुई| सन 1996 में महाविद्यालय के विकास में नये आयाम के रूप में स्नातक स्तर पर शासन द्वारा विज्ञान संकाय, जिसके अंतर्गत जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान एवं रसायन विज्ञान की कक्षाओं के संचालन की अनुमति प्राप्त हुई | तत्पश्चात सन् 2001 में महाविद्यालय की प्रगति में एक और कड़ी जुड़ गयी, जब शासन द्वारा हिन्दी, इतिहास और राजनीति विज्ञान में एम०ए० की कक्षाओं के संचालन की स्वीकृति प्रदान की गयी|

यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की 12 (B) एवं 2 (F) की परिधि के अंतर्गत अनुमोदित है| महाविद्यालय में कला संकाय में स्नातक स्तर पर कुल बारह विषय हैं :- 1. हिन्दी साहित्य, 2. संस्कृत, 3. उर्दू, 4. अँग्रेजी साहित्य, 5. समाजशास्त्र, 6. गृह विज्ञान, 7. राजनीति विज्ञान, 8. इतिहास, 9. संगीत गायन, 10. संगीत वादन (तबला), 11. संगीत वादन (सितार), 12. शारीरिक शिक्षा एवं कला परास्नातक हेतु कुल चार विषय :- 1. हिन्दी 2. इतिहास, 3. राजनीति विज्ञान में अध्ययन की सुविधा उपलब्ध है।

विज्ञान संकाय के अन्तर्गत स्नातक में कुल चार विषयों 1. जन्तु विज्ञान, 2. रसायन विज्ञान, 3. वनस्पति विज्ञान, 4. शारीरिक शिक्षा अध्ययन की सुविधा उपलब्ध है एवं परास्नातक स्तर पर जन्तु विज्ञान विषय अध्ययन की सुविधा उपलब्ध है |